समस्तीपुर : एक तरफ गिरते तापमान के बीच कपकपाने वाली ठंड जहां आम लोगों की जीवन शैली को लगातार प्रभावित कर रही है वहीं समस्तीपुर सहित सूबे के तमाम शिक्षक- शिक्षिकाओं पर जातिगत जनगणना के प्रथम चरण का फरमान मुसीबत बनी हुई है।
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह समस्तीपुर जिला अध्यक्ष रामचंद्र राय व संघ के प्रदेश सचिव सह जिला महासचिव कुमार गौरव ने संयुक्त रूप में कहा - कड़ाके की ठंड और भयंकर शीतलहर के बीच बच्चों के लिए जहां विद्यालय बंद है वहीं शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है। और उस पर बिहार सरकार का यह फरमान कि शिक्षक विद्यालय अवधि के बाद जातिगत जनगणना का कार्य पूरा करेंगे। ऐसे में पुरुष शिक्षकों की तुलना में महिला शिक्षिका पर इसका प्रतिकूल प्रभाव विशेष रुप से देखा जा रहा है।
जातिगत जनगणना में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हो रहा उल्लंघन : कुमार अनुज
जिला मीडिया प्रभारी - कुमार अनुज
वहीं संघ के मीडिया प्रभारी कुमार अनुज ने प्रगणक एवं पर्यवेक्षक के रूप में कार्य कर रहे शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा विद्यालयी अवधि के पश्चात जनगणना कार्य करने के फरमान को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने बिहार सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा- शिक्षकाें को जनगणना,आपदा राहत कार्य एवं चुनाव संबंधित कार्य के अलावे अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्त नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके शिक्षकों को ना तो प्रतिनियुक्त किया गया और ना हीं जातिगत जनगणना कार्य से मुक्त किया गया। जिसका प्रतिकूल प्रभाव विशेष तौर पर महिला शिक्षिकाओ पर इस कपकपाती ठंड में देखने को मिल रहा है। सुदूर से आने वाली प्रगणक के रूप में कार्य कर रही महिला शिक्षिकाओं की माने तो एक तो भयानक ठंड, दूसरा अंधेरा भी जल्द हो जाता है वैसे में विद्यालय अवधि के बाद जनगणना कार्य कोढ़ में खाज के तुल्य लगता है।
संघीय जिला संयुक्त सचिव अभय आजाद ने अपने कड़े रुख में कहा ठण्ड के कारण विगत कुछ दिन पहले मोहनपुर के शिक्षक नन्द कुमार राय जी की मृत्यु हो गई , वे वेरिफिकेशन के लिए कार्यालय कार्य से समस्तीपुर गए थे, लौटने के क्रम में विन्दगामा चौक के पास वे बेहोश हो गए और जब तक लोग इलाज के लिए अस्पताल ले गए तब तक उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा अब और कितने शिक्षक को शहादत देने के बाद इस तरह का फरमान रुकेगा। अगर स्कूल के बाद जातिगतगणना का कार्य दिया गया तो इसका पुरज़ोर विरोध किया जाएगा।
बताते चलें कि बिहार सरकार के द्वारा समस्तीपुर सहित सूबे के बहुसंख्य शिक्षक - शिक्षिकाओं से जाति आधारित जनगणना - 2022 के तहत प्रगणक, पर्यवेक्षक एवं प्रशिक्षक के रुप में काम लिया जा रहा है। जातिगत जनगणना के इस प्रथम चरण में उन्हें अपने दिए गए क्षेत्र का भ्रमण करते हुए नजरी नक्शा तैयार करना है साथ ही कच्चे-पक्के भवन की गिनती करते हुए उसमें रहने वाले प्रवासी और अप्रवासी की संख्या को दर्शाना है।
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